जीवन में बहुत सी बातें , हम कहना चाहें भी तो , अनकही ही रह जाती हैं...। उन्हीं अनकही-अनजानी बातों को आपके साथ बाँटने का जरिया है - यह ब्लॉग...।
मैं
प्रियंका - छह-सात साल की उम्र से बालकथा लेखन से शुरुआत करके उम्र के साथ बड़ी कहानियाँ लिखी-छपी, देश के विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में...छह संग्रहों में से दो पुरस्कृत...मातृभाषा हिन्दी में मुख्यतया लिखने के साथ अंगरेजी में भी कुछ लिखा है, उर्दू में कुछ अनूदित, हिन्दी-अंगरेजी के साथ उर्दू और फ्रेंच भी आती है...|.
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