एक अधूरी कहानी- 7

Wednesday, September 29, 2021

 (कल से जारी...)

भाग- सात



"अगर तुम्हें मेरे लिए कोई उपमा देनी होगी तो क्या दोगे...?" कॉफ़ी के घूँट भरते हुए उसने अचानक मेरी आँखों में झाँक कर पूछ लिया ।

इससे पहले कि अपनी कॉफ़ी का घूँट मैं हलक से नीचे उतार कर उसे कोई जवाब दे पाता, उसने हाथ के इशारे से मुझे रोक दिया," बहुत सोच समझ के जवाब देना...। कोई घिसा-पिटा सा न बोल देना...। नथिंग क्लीशे, यू नो...।"

उसकी आँखों में शरारत साफ़ झलक रही थी, पर चेहरा बाख़ुदा बिल्कुल सीरियस था...। कमाल की एक्टर थी वो...। मैंने कुछ बोलने को खुला अपना मुँह वापस बन्द कर लिया...। ग़लत जवाब देकर किस बेवकूफ़ को अपनी शामत बुलाने का शौक़ होता...।

"पहले जवाब दो, फिर कॉफ़ी पीना...।" उसने मेरे हाथ से कॉफ़ी मग छीन कर अपने सामने रख लिया। अब तो जवाब दिए बिना छुटकारा नहीं था...। कहाँ फँस गया था मैं...?

"नमक..." जाने कैसे मेरे मुँह से निकल गया । उसने मेरी कॉफ़ी अपने हाथों में उठा ली। अगले पल क्या हो सकता था, ये सोच के मैं तुरंत सावधान की मुद्रा में आ गया...।

"लो, इसे ख़त्म करो जल्दी और मेरे लिए एक कोल्ड कॉफ़ी विद आइसक्रीम ले आओ...।" उसने कहा और इत्मीनान से अपनी कुर्सी पर पसर गई...।

-प्रियंका 

(जारी है...कल)


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