हैप्पी न्यू इयर...

Thursday, December 31, 2015

बरतन माँज कर घर जाती रमिया को सोफे पर अधलेटी मालकिन ने पुकार कर रात के बचे खाने को ले जाने को कहा तो उसका दिल खुश हो गया...। कितने लजीज़ पकवान थे...कितनों के तो उसको नाम तक न मालूम थे, स्वाद की कौन कहे...? कई बार सबकी नज़र बचा कर चौके में स्लैब पर रखे ऐसे पकवानों के भगौने को वो ऊँगली से खुरच कर चाट भी चुकी है...। अब कम से कम घर पर बच्चे भी इन्हें चख सकेंगे...|

घर पर बच्चे उस खाने पर ऐसे टूट पड़े कि उसे सबको धौल जमानी पड़ी। चटखारे लेते हुए किसना ने माँ से पूछ ही लिया...ये पाल्टी किस कारण थी मालकिन के यहाँ...। रमिया ने थोड़ी अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा...कौन जाने बबुआ, को आया रहा...। कौनो नू ईयर आवा है, ओही कारण कल बड़ी पाल्टी थी...ओकर सुवागत सत्कार करे खातिर...।

तब तो बहुते अच्छा है न अम्मा...। मालकिन से बोलो, ओका हर हफ़्ता बुलाए लिहा करें, पाल्टी होत रहिए...। किसना ने ऊँगली चाट तृप्ति की डकार लेते हुए कहा तो रमिया ने बड़े मुग्ध भाव से हँसते हुए उसे चपतिया दिया...।


You Might Also Like

1 comments

  1. awesome....ye lagukatha kitna kuch kahtee hai re...loved it :)

    ReplyDelete