बस यूँ ही

Thursday, November 03, 2011

पिछली पोस्ट में मैने आदरणीय काम्बोज जी का एक हाइकु मेरे जन्मदिन के उपलक्ष्य में आप सबके साथ शेयर किया था...। इसी कड़ी में मेरी बड़ी बहन सदृश्य श्रीमती  ऋता शेखर ‘मधु’ जी ने तो मेरे चित्र पर ही खूबसरत से हाइगा रच डाले । वे हाइगा को ही समर्पित ‘हिन्दी-हाइगा’ नाम का एक ब्लॉग चलाती हैं। मैं वैसे तो उन्हें थोड़े समय से ही जानती हूँ, पर इतने वक़्त में ही उन्होंने मुझे एक स्नेह-बन्धन में बाँध लिया है, जो ईश्वर की कृपा से जीवनपर्यन्त अटूट रहेगा...।




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5 comments

  1. सुंदर , अति सुंदर.

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  2. ॠता जी ने आपके जन्मदिन पआइगा रचकर खुशबू बिखेर दी है । बहुत बधाई आपको और ॠता जी को भी ।

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  3. सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार...पुनः जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएँ|

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  4. आपको जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ चाहे थोड़ी देर से ही सही, और आपके जन्म दिन मिले तोहफे भी बहुत पसंद आये. ॠता जी का तो क्या कहना काम्बोज का तोहफा भी अनमोल है.

    एक बार फिर से शुभकामनायें.

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  5. बहुत ही खूबसूरत है..और चलिए इस बहाने मुझे ऋता शेखर ‘मधु’ जी के बारे में और उनके ब्लॉग के बारे में भी पता चला :)

    सच में इन्टरनेट पर भी इतने सच्चे और अच्छे रिश्ते बनते हैं...मुझे तो कई अच्छे लोग मिले जिनसे उम्र भर का एक रिश्ता बन गया...जैसे आप :)

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