उफ़ ! ये ठण्ड...।

Thursday, January 06, 2011

   लीजिए , देखते-देखते साल २०१० भी गया और इस नए साल २०११ का पहला हफ़्ता भी हम सब से विदा लेना ही चाहता है...। ठण्ड अपने रिकार्ड तोड़ रही...सो आज कल तो बस गर्मागर्म चाय की चुस्कियाँ , नर्म गद्दे और गुदगुदी रज़ाई...इसके सिवा दिल और कुछ माँगे क्या...???  पर ऐसा होना सम्भव नहीं हो पाता न...। आज मैं आप को बहुत देर तक कम्प्यूटर के सामने बैठाने की ग़ुस्ताखी नहीं करूँगी...। तो पहले तो नए वर्ष पर आज पहली बार अपने कुछ हाइकू अपके सामने पेश कर रही हूँ...। हाइकू कविता की  जापानी शैली है , तीन पंक्तियों में अपनी बात कहने की...और ये तीन पंक्तियाँ पाँच-सात-पाँच वर्णों के क्रम में होती हैं...। बताइएगा , आप को ये हाइकू कैसे लगे...।

१) नए साल में
   पिछले बरस से
   खुशियाँ लाएँ ।

२) नया साल तो
   नवजात बच्चे सा
   मन मोहता ।

३) कुछ वादे हैं
   बहुत इरादे हैं
   नव वर्ष में ।

काश ! नया साल हम सभी की इच्छाएँ पूरी कर दे...। मेरी शुभकामना...।



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7 comments

  1. मुझे कुछ दिन पहले ही पता चला था हाइकू के बारे में..
    बहुत अच्छी लगी आपकी हाइकू कविता..
    .

    वैसे मैं ठंड को बहुत मिस कर रहा हूँ, और जैसा आपने शुरू में लिखा...वैसा पढ़ के तो और मिस करता हूँ...बैंगलोर में वैसी ठंड होती कहाँ है...खैर दो तीन दिनों में घर जा रहा हूँ तो फिर ठंड का आनंद लिया जाएगा...

    और नया साल आपके लिए भी खुशियाँ लाये..मंगलमय हो.. :)

    हैप्पी न्यू इयर :)

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  2. प्रियंका जी,
    हाइकु अपना कमाल दिखा रहे हैं .....

    वाह ! क्या बात है !!!
    नया साल तो
    नवजात बच्चे सा
    मन मोहता ।

    आपको नए वर्ष तथा लोहरी की ढेरों शुभकामनाएँ !

    नए वर्ष ने

    हर पर्व में भरा

    अपना रंग

    हरदीप

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  3. प्रत्येक हाइकू सुंदर भावपूर्ण ...मन को प्रभावित करने वाले हैं ..आपके ब्लॉग पर आकर बहुत कुछ नया मिला जो आपकी रचनात्मक विविधता का परिचयक है ...आपको बहुत- बहुत शुभकामनायें

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  4. प्रियंका जी,
    आपके तीनो हाइकू अच्छे हैं !
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  5. आप सभी के इन उत्साहवर्धक टिप्पणियों के लिए आभारी हूँ...।

    प्रियंका

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  6. बहुत अच्छे हाइकु हैं।

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  7. I went through all of the new postings and loved all of them , like a fresh air . Please do write something about kanpur . Deepak Tripathi

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