अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस....
Monday, March 08, 2010नमस्कार,
लीजिए , एक बार फिर आ गया - महिला दिवस... । हर बार की तरह कुछ संस्थाओं द्वारा इस बार भी सेमिनार आयोजित किए जाएंगे , महिलाओं के हित में बडी-बडी बातें होंगी और अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली जाएगी । कुछ बुद्धिजीवियों (? ) ने आधुनिकता से भर कर बधाई संदेश भी दे डाले...। पर असल में हुआ क्या अब तक ?
हम में से कितने लोग वास्तव में , दिल से , महिलाओं के लिए कुछ करना चाहते है ? बिना बडे-बडे दावे किए ...। आज भी हमारे देश में , जहां स्त्री को देवी का दर्जा दिया जाने का दम भरा जाता है , उसी देश में एक देवी जन्मने से पहले ही मार दी जाती है...। अगर किस्मत से पैदा होने का मोर्चा फ़तेह कर भी लेती है , तो दहेज की बलिदेवी पर बलि दे दी जाती है । नहीं तो राह चलते किसी मजनूं का दिल आ गया तो तेजाब तो है ही ना , उसे जीवन भर का नरक दिखाने के लिए...।
आज भी हम महिलाओ को taken for granted ही लेते है | कितना अजीब लगता है न , ( या शायद नहीं भी लगता ) , जब भी हम किसी औरत से मिलते है , तो पूछते है - are you working or a housewife - और कई बार वह झेंप कर कहती है - जी नहीं , मैं सिर्फ एक एक housewife हू...गोया housewife हो कर वह कोई गुनाह कर रही है | असल में हम एक घरेलु औरत के काम को " काम " का दर्जा देते ही कब हैं | ज्यादातर पतियों का प्रिय डायलाग है -तुम करती ही क्या हो ? और हम सर झुका कर , खिसिया कर रह जाते हैं...| पर अब जरुरत है की हम सर उठा कर कहे- जो हम करते है , उसका हिसाब रखने की क़ूवत शायद किसी में भी नहीं है...|
तो महिलाओं...सर झुकाना छोडिए...और गर्व से कहिये...ये धरती और इस धरती पर जीवन भी हमारे दम पर है...और जिस दिन यह कर ले , उस दिन मुझसे बधाई लीजिएगा - महिला दिवस की...|
5 comments
पर अब जरुरत है की हम सर उठा कर कहे- जो हम करते है , उसका हिसाब रखने की क़ूवत शायद किसी में भी नहीं है...|
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा। हम तो गर्व से कहते हैं कि हम महिला हैं । अच्छा लगा आलेख धन्यवाद
अंतरराष्ट्रीय शब्द के लिए पढ़िए -
ReplyDeleteऔरत लफ़्ज में क्या ख़राबी है?
zdrastvyute,kak vashi dela?good to know that you know russian also,happy women day to you.dobriyo,you use hindi only in writing because hindi is the best way of showing character in indian writing,I liked your writings,keep it up priyanka....
ReplyDeleteKislay
शुक्रिया निर्मला जी, बस औरत होने पर ऐसे ही गर्व महसूस करिए...
ReplyDeleteकिसलय जी, स्पसीबा...रूसी भाषा की याद दिलाने को आभारी हूँ...जब मैं १० या ११ साल की थी , तब स्वान्तः सुखाय और स्व-प्रयास से ही रूसी सीखी थी...।
hey very nice lines by you... i really like this... all thi things r correct.... very nice lines.. specially that "dharti par jeevan humse hai"
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