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हैप्पी होली... एक बार फिर...

Friday, February 26, 2010

हैलो...कैसे हैं आप सब ? देखिये न , एक साल कैसे गुज़र गया , पता ही नहीं चला । आप सब को लगा , ये कहाँ गायब हो गई । मैं कहीं नहीं गई थी , बस अपनी दो नई किताबों में कुछ ज्यादा ही व्यस्त थी । किताबें निकल आई , थोडा सकून और बहुत खुशी मिली...।
सो अब सोच लिया , काम चलते रहेंगे , पर आप सब से बतकहियाँ बन्द नहीं होनी चाहिए । अच्छा लगता है सबसे जुडे रह कर... आखिर हम सब एक सामाजिक प्राणी जो हैं ।
आज बस इतना ही... । बस अपनी याद दिलाने आई थी , सो दिला दी... और हां... हैप्पी होली भी तो कहना था ।
सो याद रखिएगा... बुरा न मानो होली है कह कर किसी के बुरा मानने वाला कोई काम न हो जाए...।
तो फिर मिलते हैं |
तब तक...
रंग बरसे... होली है...!!!

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3 comments

  1. आपको होली की बहुत-बहुत बधाई , और साथ ही आपकी आने पुस्तको के लिए शुभकानाएं ।

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  2. बहुत शुक्रिया...
    मेरी किताबों के नाम हैं - फुलझडियां ,
    और दूसरी है- नानी की कहानियां
    इनका preview www.pothi.com पर उपलब्ध है...।

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