Monday, February 02, 2009

Hi!!! कितना कुछ लिखना चाहती हूँ पर हाय रे कुदरत की मार !!! तबियत ऐसी ख़राब हुई की सुधरने का नाम नही ले रही | फिर भी अच्छा लगा यह देख कर की जो लिखा,लोगों ने पढा तो...उन सब को मेरा शुक्रिया ...| एक तो वेब पर हिन्दी की ऐसी -की - तैसी होते देख कर कोफ्त होती है, ऊपर से कुछ न लिख पाने का ग़म ...| एक तो वैसे ही आजकल लोग हिन्दी की टांग तोड़ने में माहिर हैं , ऊपर से ये वेब पर हिन्दी....मात्राएँ अपनी मर्जी से समझ लो...|
खैर...थोड़ा ठीक होने दीजिये, फ़िर मिल-बैठ कर कुछ सोंचेंगे...|
तब तक के लिए ...वंदे मातरम्...|

You Might Also Like

2 comments

  1. इंतजार रहेगा....आपकी तबियत के ठीक होने का...

    ReplyDelete
  2. hi didi , urs blog rotey rotey hasna seekho its superb , keep it up & get well soon.

    ReplyDelete