कुछ हाइकु...
Thursday, August 08, 2013
बहुत दिनों से आप सबके सामने अपने हाइकु नहीं लाई थी, तो सोचा आज कुछ अपने ही लिखे, अपनी पसंद के हाइकु प्रस्तुत करूँ...|
१)
१)
मन की गाँठ
हमने तो खोल दी
तुमने बाँधी ।
२)
अकेली रात
अपनी परछाई
देख डरती ।
३)
मन का दर्द
किससे लेती बाँट
सुने न कोई ।
४)
पागल मन
कुछ जानता नहीं
प्यार के सिवा ।
५)
तुझे रुलाया
तुझसे ज्यादा दर्द
खुद ही पाया ।
६)
रुक तो जाते
पल भर के लिए
गर प्यार था ।
७)
जो था लिखा
तूने वही था पढ़ा
मन न पढ़ा ।
८)
मन का दर्द
सब से छुप जाता
जाने तकिया ।
९)
टाँगे थे ख़्वाब
रात के सिरहाने
सुबह टूटे ।
१०)
लब खामोश
आँखें रही बोलती
सुन तो लेते ।
११)
तू याद आया
जब भी दर्द मिला
कोई नया सा ।
१३)
तुम मिलोगे
किसी मोड़ पे कभी
है इंतज़ार ।
१४)
कड़ी धूप में
बहुत याद आए
पेड़ों के साए ।
१५)
मिटता गिला
बरसों के बाद वो,
बिछड़ा मिला ।
१६)
तूने पुकारा
जंजीर बँधी पाँव
कैसे मैं आऊँ?
१७)
मुस्कान मेरी
कितनी दर्द भरी
कैसे जाने तू ?
१८)
जाना तुम्हारा
औ’ तुम्हें भुला पाना
क्या सह लेंगे?
१९)
रोता है मन
दुखवा कासे कहूँ
सुने न कोई।
२०)
चुभती रही
सपनों की किरचें
घायल मन।
२१)
जान न पाई
अपने बन गए
कब पराए।
२२)
भीड़ से भरा
घर-द्वार-आँगन
है सूना मन।
२३)
वो अजनबी
अपना जब बना
जग को गिला।
२४)
उँगली उठी
जब खिलखिलाई
अपने लिए।
२५)
थामा था हाथ
उम्र भर के लिए
फिर क्यूँ छोड़ा?
२६)
फटे हैं पन्ने
ज़िन्दगी की किताब
किसे पढ़ाऊँ?
२७)
ज़रा सुनो तो
सन्नाटे बोलते हैं
अपनी ज़ुबां ।
२८)
तोड़ दो चुप्पी
असहनीय होता
इसका शोर ।
5 comments
इतने अच्छे हाईकू हैं दीदी, सभी के सभी...क्या मैं इन सारे हाईकू को अपना नाम देकर इस्तेमाल कर लूँ...
ReplyDeleteखैर छोडिये, आपसे पूछ क्या रहा हूँ...:D
मेरे ही हैं ये हाईकू...है न? :)
सुन्दर!
ReplyDeleteहर हायकू , कुछ न कुछ दास्ताँ बयान कर रहा है .
ReplyDeleteशब्दों की अनूठी अभिव्यक्ति .. बहुत कुछ छु गया ..
दिल से बधाई स्वीकार करे.
विजय कुमार
मेरे कहानी का ब्लॉग है : storiesbyvijay.blogspot.com
मेरी कविताओ का ब्लॉग है : poemsofvijay.blogspot.com
सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://madan-saxena.blogspot.in/
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बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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