गारन्टी
Friday, October 21, 2011
नमस्कार,
आज मैं आपके सामने अपनी पहली व्यंग्य-कविता लेकर आई हूँ...| प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार तो रहेगा, हमेशा की तरह...| उम्मीद है, आपको पसंद आएगी...|
धनतेरस- दीपावली और भैया दूज की अग्रिम शुभकामनाएं...|
व्यंग्य कविता
गारन्टी
प्रियंका गुप्ता
एक दिन/ एक युवक
कुछ घबराया, शरमाया
मेरे पास आया
बोला ‘‘मिस’’
मैने कहा "यस"
बोला " आपका वैवाहिक विज्ञापन पढ़ा है
मुझे अच्छा लगा है
इस लिए खुद ही रेस्पॉन्स देने आया हूँ
साथ में अपना बायोडाटा भी लाया हूँ।"
मैने कहा "सर"
वो बोला "अरर"
मैने पूछा "क्या हुआ?"
बोला,"सर न कहें, ऐजेड लगता हूँ
मेरा नाम प्रकाश है, कैसा लगता हूँ?"
मैने कहा "शक्ल-सूरत तो अच्छी है,
पर यह बात तो खरी और सच्ची है,
अपना बायोडाटा सुनाओ
पसन्द आया तो मम्मी को बुलाऊँगी,
वरना बाहर का रास्ता दिखाऊँगी।"
वो बोला,"बायोडाटा तो जी
बस इतना है मेरा
उमर बाइस साल,
ग्रेजुएट, बेरोजगार और ग़रीब हूँ,
सस्ता और टिकाऊ हूँ,
साथ में सात साल की गारण्टी है।"
मैने पूछा,"किसकी गारण्टी?"
बोला,"आपके जीवन की...।"
मैने कहा," हम समझे नहीं, कैसे?"
बोला,"बड़ी भोली हैं आप, वो ऐसे
कि सात साल तक बीवी गर मर जाए
तो अन्दर हो सकता है पति
दहेज हत्या में...।
इसी लिए मेरा वादा है
सात साल तक
घर में मिट्टी का तेल नहीं लाऊँगा,
आपसे दहेज नहीं मागूँगा,
और सात साल बाद
आपकी टूट-फूट के लिए
मेरी कोई लाइबिल्टी नहीं
आपके फ़रदर एक्स्पेन्सेस बीमा कम्पनी उठाएगी
प्रीमियम आपके फ़ादर ने भरा तो ठीक,
वरना मुझे तो पूरी रकम मिल जाएगी...।"
15 comments
Really Nice....
ReplyDeleteवाह प्रियंका जी,क्या खूब लिखा है...सामाजिक विडम्बना का चित्रण,बहुत पसन्द आया...मेरी बधाई|
ReplyDeleteThanks for another great posting. Great post. I believe anyone likes your blog.
ReplyDeleteSome people are too smart to be confined to the classroom walls! Here's a look at other famous school/college dropouts.
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bahut achchha likha hai. 7 saal ki garanti to kanoon ke karan mila hai par us par bhi ye sab kahan ruk raha hai, aaye din dahej hatya ki khabar aati hai. praasangik rachna, badhai.
ReplyDeleteहा हा :) मस्त व्यंग है :P
ReplyDeleteइससे एक बात सीखा हूँ...अगर अब कोई मुझे सर कहे तो मैं भी कहूँगा यही - सर न कहें, ऐजेड लगता हूँ :P
हा हा हा बहुत सुन्दर है आपका व्यंग्य..
ReplyDeleteआपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं
MADHUR VAANI
MITRA-MADHUR
BINDAAS_BAATEN
आज की परिस्थितियों पर तीखा व्यंग्य.
ReplyDeletekya baat hai...aaj ke kuchh dehejlobhi laalchi pe aapne kada vyang likha hai.. bahut sundar..
ReplyDeletemai apke blog pe pehli baar aya aur sadasya ban k reh gaya..
kabhi mere blog pe v aye apka swagat hai...
kya sunder likha hai .vyang bhi bahut karara hai
ReplyDeletebadhai
rachana
प्रियंका जी नमस्कार
ReplyDeleteमेरा लिंक है http//www.mknilu.blogspot.com
धन्यबाद !
आप सभी की उत्साहजनक टिप्पणियों के लिए बहुत आभारी हूँ...।
ReplyDeleteप्रियंका
priyanka ji..
ReplyDeleteKya baat hai..??? ab aap vyangkaar bhi ho gayi.. maine pehli baar aapka ye roop bhi dekha.. sach kahu.. maza aa gaya.. kya sateek vyang tha.. i m really proud to have a friend like u..!!
LOLz bahut khoob
ReplyDeletenice poem, i liked it.
ReplyDeletevyangaatmak lehja
ReplyDeleteaur prabhaavshali sgabdaavali...
sundar rachna !