सपने
Tuesday, November 16, 2010 कविता
सपने
अधमुँदी पलकों के
कोरों से झरते
ढेर सारे सपने
नन्हीं चिडिया की तरह
खुले आसमान में
उडना चाहते हैं
पर
आँखों के आगे पसरा
चुटकी भर आसमान
और नीचे
ठण्डी, भुरभुरी रेत सी ज़मीन
पांवों के साथ
धंसते हैं सपने भी
अंजुरी भर
पानी की चाह
खींच लाई तट पर
नन्हीं चिडिया
आंखों के कोरों से निकल कर
चोंच मारती
घोंघे की तलाश में
लहूलुहान...
भूख मरती नहीं
सपने की तरह
सपना जो
एक आँख से निकल कर
पलता है
दूसरी आँख में
चुपके से.....
13 comments
एक प्राकृतिक चित्रण है आपकी रचना में. पाठको को डुबाने वाली रचना .........
ReplyDelete"अधमुँदी पलकों की
ReplyDeleteकोरों से झरते
ढेर सारे सपने
नन्हीं चिडिया की तरह
खुले आसमान में
उडना चाहते हैं "
प्रियंका बेटी यह कविता तो तो बहुत परिपक्व और भावप्रवण है ।'सपनों का झरना, खुले आसमान में चिड़िया की तरह उड़ना' ये प्रयोग बहुत सार्थक हैं । मेरी ओर से तुम्हारी मनोहारी लेखनी को नमन !
प्रियंका जी,
ReplyDeleteआपकी कविता की भावभूमि शब्दों की परिधि को पार कर गई है !
`सपना जो एक आँख से निकल कर पलता है दूसरी आँख में चुपके से ` पाठकों को सोचने पर विवश करती है !
हर पंक्ति में जीवन की अदभुत अनुभूति ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
www.marmagya.blogspot.com
पिछली कविता और इस कविता में शायद एक दो बातें एक सी ही हैं...शायद..जैसे दोनों कविताओं में इच्छाओं का होना..
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत कविता है ये..
बहुत सुन्दर...
very touching.. thanx for sharing
ReplyDeleteSapne to aab aate hi nahi,
ReplyDeletePhir bhi use hum bunte rahen,
Jo pir diya tha aapno ne,
Usko hi sada hum Dhunte rahen prastuti hiya ke samvedansil taron ko jhankrit kar gai. Bahut hi sundar post. Dhanyavad.
बढ़िया है!
ReplyDeleteआप सब की अमूल्य प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत आभारी हूँ...।
ReplyDeleteधन्यवाद...।
प्रकृति के बिम्बों को लेकर बुनी गयी अच्छी परिपक्व कविता। बधाई। हाँ आण्टी के स्थान पर भारतीय रिश्ते सम्बोधन में काम लोगी तो अच्छा लगेगा नहीं तो नाम ही प्रर्याप्त है।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता.....
ReplyDeleteदिल को छूने वाली !
आपकी लेखनी को नमन !
भूख मरती नहीं
ReplyDeleteसपने की तरह
सपना जो
एक आँख से निकल कर
पलता है
दूसरी आँख में
चुपके से.....
बहुत ही भावपूर्ण गंभीर प्रस्तुति..विम्बों का बहुत अनूठा प्रयोग..बधाई..
बहुत सुन्दर कविता… बधाई !
ReplyDeletea super poem.
ReplyDeletebird struggle for flight,
they say, its their right
so they fight.