गर्मी के कुछ हाइकु

Tuesday, July 26, 2011

नमस्कार,
यूँ तो बरसात की शुरुआत हुए काफी दिन हो गए, पर न तो खुदी हुई सड़के ठीक हुई और न ही गर्मी और उमस से राहत मिली...| तो सोचा की क्यों न गर्मी के कुछ हाइकु ही आप के समक्ष पेश करूँ...|
हमेशा की तरह आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार रहेगा...|

                     गर्मी के कुछ हाइकु
                                                      प्रियंका गुप्ता


१) नन्हीं चिड़िया
   मुँह में दाबे दाना
   ढूँढती पानी।

२) जेठ की गर्मी                                       
   माँ का नर्म आँचल
   ठण्डक देता।

३) जलता सूर्य
   प्यार में डूबी हुई                     
   धरती तपी।


४) अम्माँ बनाए
   अमिया की चटनी
   मन को भाए।

५) अम्माँ बनाए
   आम का खट्टा पना
   जी ललचाए।

६) भरी धूप में
   छत पर खेलना
   याद आता है।
.
( चित्र गूगल से साभार )

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7 comments

  1. प्रियंका जी, आपके ये हाइकु बहुत प्यारे और उत्तम हैं… बधाई !

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  2. प्रियंका ,बहुत अच्छे हाइकु हैं
    अम्माँ बनाए/अमिया की चटनी/मन को भाए। ....अम्मा की चटनी खाने के लिए मन ललचाने लगा
    भरी धूप में
    छत पर खेलना
    याद आता है...बचपन याद आ गया !
    बधाई !

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  3. अम्माँ बनाए
    अमिया की चटनी
    मन को भाए।
    khane ka man karne laga yahan kahan hai aesa .
    janti hai hum ko banne se pahle hi kitne aam kha jate the .
    sabhi haiku bahut sunder hain
    rachana

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  4. नन्हीं चिड़िया
    मुँह में दाबे दाना
    ढूँढती पानी।

    अम्माँ बनाए
    आम का खट्टा पना
    जी ललचाए।

    सच में ,पना के लिए जी ललचा गया..
    नन्ही चिड़िया की बेचारगी दिल को छू गई..

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  5. बढ़िया हाईकु!!

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  6. अम्माँ बनाए
    अमिया की चटनी
    मन को भाए।
    --------------
    अम्माँ बनाए
    आम का खट्टा पना
    जी ललचाए।
    ....अच्छे हाइकू लिखे हैं, पर इन्हें पढ़कर कुछ नयापन लगा।

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